चमोली : राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की ओर से देवस्थानम बोर्ड को लेकर गठित समिति की सिफारिसों के बाद बोर्ड को खत्म करने की घोषणा कर दी है। जिससे जहां तीर्थपुराहित और हक-हकूकधारी फैसले का स्वागत कर रहे हैं। वहीं विपक्ष इसे विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति मान रहा है। ऐसे में देखिये मुख्मंत्री के फैसले पर किसने क्या कहा :-
मुख्यमंत्री की ओर से सकारात्मक फैसला लिया गया है। कहा कि भाजपा सरकार जन भावनाओं का सम्मान करती है। जिसके अनुरुप यह फैसला लिया गया है।
महेंद्र भट्ट, विधायक, बदरीनाथ विधानसभा।
चार धाम मंदिरों से जुड़े तीर्थपुरोहितों और हक-हकूकधारियों के लिये यह सुखद पल है। देवस्थानम बोर्ड़ के दो वर्षों के संघर्ष की जीत हुई है। सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।
उमानंद सती, अध्यक्ष ब्रहम कपाल तीर्थपुरोहित संघ, बदरीनाथ।
तीर्थपुरोहितों के साथ हक-हकूकधारियों की मांग का सम्मान कर मुख्यमंत्री की ओर से लिया गया फैसला स्वागत योग्य है। फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
पीताम्बर मोल्फा, हक-हकूकधारी, माणा थोक।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार का फैसला तीर्थपुरोहितों व हक-हककूधारियों का सहित दिशा और सतत संघर्ष का प्रतिफल है। यहं आंदोलन से जुड़े लोगों की ओर से सनातन परम्पारओं के सरंक्षण के लिये कार्य करने वालों की जीत है।
सुरेश डिमरी, पूर्व अध्यक्ष, श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, बदरीनाथ धाम।
देवस्थानम बोर्ड़ को खत्म करने को फैसले का डिमरी पंचायत स्वागत करती है। साथ मुख्यमंत्री की ओर से लिये फैसले के लिये उनका धन्यवाद करती है। सरकार का यह फैसला सनातन परम्पराओं के साथ ही पार्टी और संगठन के लिये भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। इस फैसले से मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करने का कार्य किया है।
राकेश कुमार डिमरी, अध्यक्ष, श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, बदरीनाथ धाम व सांसद प्रतिनधि।
कांग्रेस की ओर से देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से सरकार से इस फैसले पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी। सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव और तीर्थपुरोहितों व हक-हकूकधारियों की नराजगी को देखते हुए यह फैसला लिया है। यह आंदोलनरत तीर्थपुरोहितों और हक-हकूकधारियों की जीत है।
विकास जुगरान, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस कमेटी चमोली।