मैं अपना बैग कहाँ रखूं? सीमा से लौटकर सब से पूछ रहा आशीष

अपने उजड़े घर को देखता आशीष

अपने उजड़े घर को देखता आशीष

गोपेश्वर : दशोली ब्लॉक के हाट गांव में विष्णुप्रयाग-पीपलकोट  जल विद्युत परियोजना की निमात्री कम्पनी टीएचडीसी की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। जिसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय नर्वदा देवी का सीमा पर तैनात बेटा आशीष रविवार को घर लौट आया है। गांव में पहुंचते ही आशीष अब फफक-फफक कर रो रहा है और हर किसी से पूछ रहा है कि मैं अपना बैग कहाँ रखूं?
बता दें कि 22 सितम्बर को टीएचडीसी की ओर से परियोजना निर्माण के अनुरोध पर प्रशासन और पुलिस ने यहां आवासीय भवनों को ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में विस्थापन के लिये अनुमन्य राशि न लेने वाली नर्मदा देवी को हिरासत में लेकर भवन भी ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव में कंपनी की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी भारतीय सेना में राजस्थान सीमा क्षेत्र में सेवा दे रहे नर्मदा देवी के बेटे आशीष को दी। घर टूटने की सूचना मिलते ही आशीष आनन-फानन में रविवार को अपने गांव हाट पहुंचा। ऐसे में कंपनी की ओर ध्वस्त किये गांव को देखकर आशीष अब फफक फफक कर रो रहा है और अपने उजड़े घर को देखकर बार-बार पूछ रहा है। मैं अपना बैग कहाँ रखूं। बता दें कि नर्मदा देवी अपने बेटी आशीष की शादी की तैयारियों में जुटी हुई थी। नर्मदा देवी का कहना है कि पुलिस के हिरासत में लेने के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा उनके घर का सामान निकाला गया। जिसमें शादी के लिये बनाये जेवर, नगदी और अन्य सामान का भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद से कोई पता नहीं है। ऐसे में अब बेटे की शादी का सपना संजोये बुजुर्ग माँ घर टूटने के बाद आसरे की खोज में दर-दर भटक रही है।

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