युवाओं के शिष्टमंडल दल ने क्षैतिज आरक्षण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात

देहरादून : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं से संबंधित विभिन्न समस्याओं को लेकर युवाओं के एक शिष्टमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से भेंट की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों की समस्याओं को सुनाकर समाधान का आश्वासन भी दिया।
लोक सेवा आयोग परीक्षा से संबंधित समस्याओं के निदान को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को एक मांग पत्र भी सौंपा गया। मांग पत्र के माध्यम से अभ्यर्थियों द्वारा राज्य में 6 वर्ष के बाद आयोजित हो रही उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा 2021 के बारे में अवगत किया गया कि इसमें प्रारंभिक परीक्षा 3 अप्रैल 2022 को सम्पन्न हुई थी। जबकि मुख्य परीक्षा हेतु राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा अभी तक 6 से अधिक बार परिणाम जारी किए हैं। इस संदर्भ में दिनांक 22 सितंबर को जारी परिणाम में लगभग 2600 एवं 19 अक्टूबर को जारी परिणाम में लगभग 1700 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु योग्य घोषित किया है। इस परिणाम में उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन प्रश्न पर परीक्षा से बाहर हुए छात्रों के परिणाम भी शामिल हैं। जिन्हें अपने परिणाम हेतु माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।राज्य लोकसेवा आयोग ने इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु मात्र 20 दिन का समय दिया है, जिससे राज्य के ये अभ्यर्थी निराशा के माहौल में हैं। आयोग द्वारा 12-15 नवम्बर को मुख्य परीक्षा की तिथि निर्धारित की है, जिसमें इन संविधान में प्रदत्त अभ्यर्थियों के समानता के अधिकारों का गम्भीरता से हनन किया गया है।
पीसीएस अभ्यर्थियों ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि अन्य परीक्षाओं की भांति पीसीएस परीक्षा को भी तब तक स्थगित रखा जाए जब तक सरकार महिलाओं के पक्ष में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित नहीं कर लेती। साथ ही लोक सेवा आयोग को पसीएस मुख्य परीक्षा सम्पन्न करवानी ही है तो 19 अक्टूबर को चयनित अभ्यर्थियों को तैयारी हेतु न्यूनतम 3 महीने का समय अवश्य दिया जाए, ताकि वे भी समान रूप से अन्य परीक्षार्थियो की भांति परीक्षा में प्रतिभाग कर सकें। छात्रों ने अपनी मांगों के संदर्भ में उचित स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित करवाई जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया।