गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ मंगलवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं होंगी शुरु

 गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ मंगलवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं होंगी शुरु
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बदरीनाथ : बदरीनाथ धाम में मंगलवार से मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरु हो जाएंगी। बता दें इस वर्ष निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धाम के कपाट 20 नवम्बर को शीतकाल के लिये बंद कर दिये जाएंगे। मान्यता के अनुसार मंदिर के कपाट बंद होने के बाद आगामी छह माह तक देवऋषि नारद यहां भगवान नारायण की पूजा अर्चना करेंगे।
धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल ने बताया कि 16 नवंबर से भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरु की जाएंगी। यहां परम्परा के अनुसार भगवान बदरी विशाल की पंच पूजाओं के बाद 16 नवंबर को गणेश भगवान की पूजा एवं कपाट बंद किये जाएंगे। इस क्रम में 17 नवंबर आदि केदारेश्वर मंदिर, 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन के बाद धाम में वेद ऋचाओं का पाठ बंद कर दिया जाएगा। 19 नवंबर को मां लक्ष्मी जी की पूजा व गर्भगृह प्रवेश का आमंत्रण दिया जाएगा। वहीं 20 नवंबर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने कहा कि शीतकाल के लिये बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रातः आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी, भगवान उद्धव, कुबेर की चल विग्रह डोली रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी के नेतृत्व में योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। जहां भगवान उद्धव व कुबेर योग-ध्यान बदरी मंदिर में शीतकालीन प्रवास के लिये विराज

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