बाजारों से गायब रहेगा निजमूला के आलू का जायका

 बाजारों से गायब रहेगा निजमूला के आलू का जायका
bagoriya advt
WhatsApp Image 2022-07-27 at 10.18.54 AM

चमोली : जिले के बाजारों सेे निजमूला घाटी के उच्च हिमालयी गांवों में पैदा होने वाले आलू का जायका बाजारों से गायब रहेगा। क्योंकि इस बार हुई भारी बारिश के चलते घाटी में पैदा होने वाला आलू खेतों में ही अत्यधिक नमी के चलते खराब हो गया है। जिससे जँहा काश्तकारों को खासा आर्थिक नुकसान हो गया है। वंही पहाड़ी आलू के शौकीनों को भी इस बार घाटी के आलू के जायके से महरूम रहना पड़ेगा।

चमोली जिले की निजमूला घाटी के गांवों में बड़े पैमाने पर काश्कारों की ओर से आलू और चैलाई की फसलों का व्यावसायिक उपयोग के लिये उत्पादन किया जाता है। घाटी के आलू की मांग स्थानीय बाजारों के साथ ही हल्द्वानी, रामनगर जैसी बड़ी मंडियों में भी है। लेकिन इस वर्ष बरसात के मौसम के हुई अत्याधिक बारिश के चलते घाटी के गांवों में आलू की फसल को खासा नुकसान हो गया है। खेतों में आलू जहां अधिक नमी के चलते खराब हो गया है। वहीं बचे आलू पर भी बीमारी लगने से आलू खराब हो रहा है। जिससे काश्तकारों के साथ ही पहाड़ी आलू के शौकीनों में भी मायूसी है।

क्या कहते हैं ग्रामीण——

ईराणी के ग्राम प्रधान मोहन सिंह नेगी, सुलभ सिंह, नत्थी सिंह और कुंवर सिंह का कहना है कि घाटी में आलू उत्पादन से काश्तकार अच्छी आय प्राप्त करते हैं। लेकिन इस वर्ष इन दिनों आलू की खुदाई शुरु करते ही काश्तकारों को मायूसी हाथ लगी है। बताया कि खेतों में नमी की अधिकता के चलते आलू फसल 50 फीसदी से अधिक खराब हो गई है। 

इस वर्ष जिले में बीते वर्षों की अपेक्षा अधिक वर्षा होने से आलू की फसल के खराब होने की जानकारी मिल रही है। बताया कि अति वृष्टि के चलते आलू पर बीमारियां लगने यह स्थिति पैदा हुई है।

रघुवीर सिंह राणा, सहायक विकास अधिकारी, उद्यान विभाग, चमोली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
error: Content is protected !!