पंच पूजाओं के साथ बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया हुई शुरु

 पंच पूजाओं के साथ बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया हुई शुरु
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चमोली: बदरीथ धाम के कपाट 19 नवंबर शाम को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। इससे पहले आज पंच पूजाएं शुरू हो गयी। इसी प्रक्रिया में मंदिर परिसर में मंगलवार से मंदिरों के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरु हो गई हैं। मंगलवार को पंच पूजाओं के तहत प्रातः धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने गणेश जी को मंदिर परिसर से बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में दर्शन हेतु विराजमान किया गया। इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रवीन्द्र भट्ट ने गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी, गिरीश चैहान, राजेंद्र चैहान, प्रमोद नौटियाल, कुलदीप भट्ट, भूपेंद्र रावत, डा. हरीश गौड़, अतुल डिमरी, संदेश मेहता, केदार सिंह रावत, विवेक थपलियाल, अनसूया नौटियाल, नरेन्द्र खाती आदि भी मौजूद रहे।

बदरीनाथ के कपाट बंद होने के प्रक्रियाओं मेें कब-कब, क्या-क्या
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि बुधवार 16 नवंबर बुद्धवार को आदिकेदारेश्वर जी को समाधि रूप देकर कपाट बंद किये जायेंगे। 17 नवंबर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। 18 नवंबर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना 19 नवंबर को रावल स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ के समीप्य प्रतिष्ठित करेंगे। इससे पहले उद्धव व कुबेर मंदिर परिसर में आ जायेंगे। जिसके पश्चात शाम 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद किये जाएंगे।

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