बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाएं नरेंद्रनगर से हुई शुरू

- बदरीनाथ धाम को रवाना हुई गाड़ू घड़ा कलश यात्रा।
देहरादून : भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया टिहरी राजदरबार से शुरू हो गयी है। यँहा नरेन्द्रनगर राज दरबार में महारानी व सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, राजकुमारी श्रीजा के साथ ही महिलाओं ने यात्राकाल के दौरान भगवान नारायण के अभिषेक में उपयोग किये जाने वाले तिलों के तेल को पिरोया। जिसके बाद श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकरियों ने गाडू तेल कलश के साथ बद्रीनाथ धाम के लिये प्रस्थान किया। ऋषिकेश स्थित चेला चौतराम धर्मशाला में रात्रि विश्राम के बाद आज यात्रा श्रीनगर के लिए रवाना होगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिये खोले जाने हैं। जिसे लेकर बुधवार को राजपुरोहित पंडित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल की ओर से विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान नारायण के अभिषेक में उपयोग किये जाने वाले तिलों के तेल पिरोने के बाद अपराह्न को टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह ने 1000 बत्तियों के साथ दिव्य आरती कर गाडू घड़ा डिमर पंचायत के सदस्यों को सौंपा। जिसके बाद इस वर्ष की बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाएं शुरू हो गयी हैं।
डिमरी धार्मिक पंचायत राकेश डिमरी, भाष्कर डिमरी और आशुतोष डिमरी ने बताया कि 13 अप्रैल को गाडू घड़ा यात्रा ऋषिकेश से श्रीनगर डालमिया धर्मशाला में रात्रि विश्राम करेगी। जबकि 14 अप्रैल को सुबह पूजा-पाठ और प्रसाद वितरण के बाद गाडू घड़ा यात्रा श्रीनगर से कर्णप्रयाग होते हुए श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचेगी, जंहा करीब 10 दिन यात्रा विश्राम करेगी। 24 अप्रैल को यात्रा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से निकलकर पांडुकेश्वर से गाडू घड़ा यात्रा श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। और 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर पूजा-पाठ के बाद श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।