केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तैयारियां हुई शुरु

केदारनाथ: भगवान शिव के विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में बीकेटीसी की ओर से शीतकाल के लिये कपाट बंद करने की तैयारियां शुरु हो गई हैं। वीरवार को प्रातः 8 बजकर 30 मिनट बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिये बंद किये जाएंगे। जिसके बाद आगामी यात्रा काल तक भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में की जाएगी।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत बुधवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मंदिर परिसर में लाया गया। जहां मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय जहां परिवार सहित केदारनाथ धाम पहुंचे। वहीं समिति के उपाध्यक्ष भी केदारनाथ धाम पहुंच गये हैं। उन्होंने यहां पूजा-अर्चना में भाग लिया। समिति के अध्यक्ष ने कपाट बंद होने की तैयारियों का जायजा लेते हुए अधिकारी व कर्मचारियों को आश्यक दिशा निर्देश दिये।
केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव व बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शीतकाल हेतु कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बताया कि केदारनाथ की शीतकालीन सुरक्षा के लिये तैनाती पुलिस कर्मियों की खाद्य सामग्री व आवास व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर लिये गये हैं। बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के तहत वीरवार को प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर केदानाथ नाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी डोली रात्रि प्रवास के लिये रामपुर पहुंचेगी। जिसके बाद 28 अक्तूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी व 29 अक्तूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
इस मौके पर धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, स्वयंबर सेमवाल सेमवाल, सुभाष डिमरी, अंकित डिमरी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवान, डा. हरीश गौड़, देवानंद गैरोला, भरत कुर्मांचली और विकास सनवाल आदि मौजूद थे।