8 दिसम्बर को वांण सिद्धपीठ लाटू मंदिर के कपाट शीतकाल के लिये होंगे बंद

चमोली : जिले के वांण गांव में स्थित माँ नंदा के भाई लाटू देवता के सिद्धपीठ मंदिर के कपाट आगामी 8 दिसम्बर को विधि-विधान से शीतकाल के लिये बंद हो जाएंगे। जिसके बाद मंदिर के कपाट आगामी वर्ष बैसाख पूर्णीमा पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खोले जाएंगे।
लाटू मंदिर समिति की ओर से वांण गांव में बैठक आयोजित की गई। बैठक पुजारी-पुरोहित द्वारा यहां पंचांग गणना के आधार पर शीतकाल के लिये मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित की गई। यहां मंदिर समिति के उपाध्यक्ष हीरा सिंह पहाड़ी ने बैठक में कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पौराणिक परम्पराओं के अनुसार प्रतिवर्ष पौष माह से पूर्व मंदिर के कपाट छह माह के लिये बंद किये जाते हैं। जिसके बाद बैशाख माह में पूर्णिमा के दिन कपाट विधि-विधान से पूजा-अर्चना और दर्शनों के लिये खोले जाते हैं।
कौन है लाटू देवता—-
चमोली जिले में माँ नंदा को धियांण के रुप में पूजा जाता है। इसी परम्परा के अनुरुप यहां आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात में लाटू देवता माँ नंदा के भाई के रुप में यात्रा की अगुवाई करता है। जिसके चलते ग्रामीण माँ नंदा के भाई लाटू की विशेष पूजा करते हैं। वांण गांव स्थित लाटू देवता के मंदिर को लाटू के सिद्धपीठों में एक माना जाता है।