गढ़वाली के संवर्धन को स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की पहल

चमोली : उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में स्वास्थ्य विभाग की और से गढ़वाली भाष के संरक्षण की पहल शुरू की गई है। यँहा विभाग की ओर से हिंदी में लिखे जाने वाले सन्देश गढ़वाली में लिख कर चस्पा किये गए हैं। जो चिकित्सालय पहुंच रहे मरीजों और तिमारदारों को खूब भा रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन ने यँहा दीवारों पर हिन्दी में दिये जाने वाले संदेशों को गढवाली में स्टीकर बनाकर चस्पा किया गया है। जिसमें लोगों को चिकित्सकों की मौजूदगी में होने से बीमारी से न घबराने और प्रसूती कक्ष के बाहर चस्पा किया गया है।
कलश साहित्यिक संस्था के संस्थापक और गढवाली भाषा के संरक्षण के लिये कार्य कर रहे ओम प्रकाश सेमवाल का कहना है कि गढवाली भाषा के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये उसका प्रसार आवाश्यक है। ऐसे में मुख्य चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य विभाग चमोली की ओर से की गई पहल मातृभाषा आंदोलन में सहयोग प्रदान कर गढवाली को संरक्षण व संवर्द्धन प्रदान करेगी।
लोग कठिन परिस्थिति के समय चिकित्सालय पहुंचते हैं। जिसमें सभी वर्गों के लोग होते हैं, ऐसे में कई बार चिकित्सालय के माहौल के चलते मरीज चिकित्सकों से अपनापन महसूस नहीं कर पाते हैं। जिसे देखते हुए स्थानीय लोगों से सीधे सम्वाद स्थापित करने को लेकर ये पहल की गई है। यदि यह पहल लोगों को पसंद आती है तो जिले के अन्य चिकित्सालयों में भी इसे उपयोग किया जाएगा।
डा. राजीव शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी, चमोली।