शीतकाल के लिये फूलों की घाटी में सैलानियों की आवाजाही बन्द

- पार्क प्रशासन को 31 लाख 73 हजार 400 के राजस्व की आय
चमोली : विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शीतकाल के लिए बंद हो गई है। 1 जून को फूलों की घाटी सैलानियों के लिए खुली थी और 31 अक्टूबर को बंद कर दी गई है। फूलों की घाटी में इस बार रिकॉर्ड तोड़ सैलानी पहुंचे हैं यहां 20 हजार 700 से भी अधिक सैलानी घूमने के लिए पहुंचे तो वही 22 सालों के बाद पार्क प्रशासन को 31 लाख 73 हजार 400 के राजस्व आय प्राप्त हुई है। यात्राकाल के दौरान 280 विदेशी सैलानी भी घाटी के दीदार के लिए पहुंचे।
बता दें, फूलों की घाटी को प्रतिवर्ष 1 जून माह में सैलानियों के लिये खोल दिया जाता है। जिसके बाद यहां बडी संख्या में देश और विदेशी सैलानी यहां प्रकृति के सौंदर्य को देखने पहुचते हैं। बीते दो वर्षों में कोरोना की पाबंदियों के बीच 21 जुलाई को फूलों की घाटी सैलानियों के लिये खोली गई थी। जिसके बाद तीन माह में यहां 15 विदेशी सैलानियों के साथ ही कुल 9504 देसी घाटी के दीदार के लिये पहुंचे। जबकि इस वर्ष जून से अक्तूबर तक घाटी में पहुंचे कुल 20,827 सैलालिनयों से नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान ने 31 लाख 73 हजार 400 रुपये की आय प्राप्त की है। ऐसे में जंहा सैलानियों का आंकड़ा जंहा नौ सालों में सर्वाधिक है। वंही आय का आंकड़ा 22 वर्षों में सबसे अधिक है।
फूलों की घाटी रेंज के वनक्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि घाटी में इस साल रिकॉर्ड 20,827 सैलानी पहुंचे हैं। यह अपने आप में नया कीर्तिमान है।