युवाओं को लोकल फाॅर वोकल के लिये युवाओं को प्रेरित कर रहा पूर्व सैनिक

चमोली : राज्य में जहां युवा नौकरियों को रोजगार को एकमात्र जरिया मान रहे हैं। वहीं जिले के माणा गांव निवासी पूर्व सैनिक नरेंद्र सिंह बड़वाल युवाओं को लोकल फाॅर वोकल से स्वरोजगार की रहा दिखा रहे हैं।
वर्ष 2010 में सीआइएसएफ से सेवा निवृत्त होकर जब अपने गांव लौटे तो उन्होंने युवाओं की रोजगार के लिये सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं को निर्भरता देेख उन्होंने स्वयं माणा और बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को हिमालीय जड़ी-बूटियों के विपणन के साथ ही स्थानीय उत्पादों से तैयार सूप का भी विपणन शुरु किया। जिससे वर्तमान में से 25 हजार रुपये की मासिक शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं। ऐसे में नरेंद्र सिंह बड़वाल की ओर से शुरू किए गए स्वरोजगार किस मॉडल को अब युवा भी रोजगार के रूप में अपनाने लगे हैं।
कौन है नरेंद्र सिंह बड़वाल
जोशीमठ ब्लाॅक के सीमांत गांव माणा निवासी नरेन्द्र सिंह बड़वाल वर्ष 1989 दिसम्बर में सीआइएसएफ में सब इंस्पेक्टर के रुप में भर्ती हुए। जिसके बाद 21 वर्षों की सेवा के बाद मई 2010 में नरेंद्र सिंह कंपनी कमांडर पर सेवा करते हुए सेवा निवृत्त हुए। सेवाकाल में वे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई व मनमोहन सिंह की सुरक्षा में रहे। सेवा निवृत्ती के बाद वर्ष 2011 में जहां उन्होंने योग क प्रशिक्षण लेकर नवयोग सर्वोदय सेवा समिति में योग प्रशिक्षक के रुप में सेवा दी।
लोकल फाॅर वोकल मुहीम से जुड़कर जहां स्थानीय युवा स्वरोजगार कर घर में बेहतर आय अर्जित कर सकते हैं। वहीं स्थानीय उत्पादों का विवरण कर स्थानीय काश्तकार और स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि कर सकते हैं। जिससे गांव से हो रहे पलायन पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
नरेन्द्र सिंह बड़वाल, माणा गांव निवासी, पूर्व सैनिक।