एचआरडीआई में निदेशक की दरकार : बोले भाजपा जिलाध्यक्ष

चमोली : जिले के मंडल में जड़ी-बूटी कृषिकरण को बढावा देने के लिये लिये वर्ष 1992 में स्थापित जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान में स्थाई निदेशक की मांग उठने लगी है। जिसके लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कार्रवाई की मांग की है। कहा कि संस्थान में स्थाई निदेशक की तैनाती न होने से योजनाओं का सुचारु संचालन नहीं हो पा रहा है। जिससे संस्थान के स्थापना की मंशा को वर्तमान तक भी धरातल पर नहीं उतारा जा सका है।
बता दें, वर्ष 1989 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान की स्थापना की योजना बनाई। जिस पर योजना को मूर्त रुप देने के लिये सरकार की गठित समिति ने संस्थान की स्थापना के लिये चमोली के मंडल में भूमि चयनित की और उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1992 में निदेशक के साथ ही पीए, कनिष्ठ सहायक, वाहन चालक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के एक-एक पद सृजित कर जल निगम के भवन पर गोपेश्वर में संस्थान का संचालन शुरु किया। संस्थान का संचालन शुरु करने के लिये केंद्रीय औषधीय एंव सगंध पौध संस्थान के डा. एनसी शाह को प्रतिनियुक्त पर तैनात किया गया। जिसके बाद वर्तमान तक 23 निदेशक प्रतिनियुक्त या अतिरिक्त प्रभार पर तैनात किये गये हैं। इसके साथ ही संस्थान में वर्ष 2017 में वैज्ञानिकों के पद भी सृजित किये गये। लेकिन स्थाई निदेशक न होने से जहां वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं। वहीं योजनाओं का संचालन भी सुचारु रुप से नहीं हो पा रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि संस्थान के सुचारु संचालन से सरकार द्वारा काश्तकारों की आय दुगनी करने के लक्ष्य को गति मिल सकेगी। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री से संस्थान में स्थाई निदेशक की तैनाती का अनुरोध किया गया है।