विधानसभा तदर्थ कर्मचारियों की फिर बढी मुश्किलें

- उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने कर्मचारियों को मिले स्टे किया खारिज
देहरादून: विधानसभा में पिछले दरवाजे से हुई नियुक्तियों के मामले में नैनीताल उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने पूर्व में कर्मचारियों को दिये गये स्टे पर रोक लगा दी है। जिससे एक बार फिर विधानसभा तैनात तदर्थ कर्मचारियों की मुश्किलें बढ गई हैं।
बता दें, विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से नियुक्त किये गये 228 तदर्थ नियुक्तिों को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की सिफाशि पर शासन ने रद्द कर दिया था। जिस पर तदर्थ कर्मचारी विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में गये। जहंा मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने कर्मचारियों की हटाए जाने पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ विधानसभा प्रशासन की ओर डबल बैंच में अपील की गई। जिसकी गुरुवार को उच्च न्यायाल की डबल बैंच ने सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराते हुए स्टे खारिज कर दिया है।
क्या था मामला-
विधानसभा में बैकडोर से नियुक्तियों के मामले के समाने आने पर पूर्व आईएएस कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के बाद विस अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने सितम्बर माह में 2016 से 2021 तक विधानसभा में नियुक्त हुए 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को हटा दिया था। जिस पर कर्मचारियों को उच्च न्यायालय की ओर स्टे दिया गया था। जिसके बाद विधानसभ प्रशासन की अपील पर उच्च् न्यायालय की डबल बैंच ने मामले में स्टे खारिज किया है।