बहन से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास

चमोली : जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने नाबालिग चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास व पचास हजार के अर्थदण्ड देने की सजा सुनाई है। वहीं अर्थदण्ड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा की सजा का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त 1 वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड व अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर 3 महिने के अतिरिक्त कठोर कारावास की भी सजा सुनाई गई है। वहीं जुर्माने की धनराशि 55 हजार रूपये में से पचास हजार रूपये पीड़िता को अदा करने के आदेश दिये गये हैं। वहीं न्यायालय ने पीड़िता के चिकित्सा शिक्षा व पूर्नस्थापन हेतु प्रतिकर के रुप में सात लाख की धनराशि जिला विधिक प्राधिकरण चमोली के माध्यम से दिये जाने के आदेश दिये हैं।
मामला वर्ष 2022 के जनवरी माह का है। मामले में पीड़िता की पीड़िता की माता की ओर से अभियुक्त विरेन्द्र लाल जो कि पीड़िता के ताऊ का लड़के पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज की गई। पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार आरोपी की ओर से अपनी चचेरी बहन के साथ उस वक्त दुष्कर्म किया जब पीड़िता की माता अपने किसी रिश्तेदार के यहां शादी में गयी हुयी थी। जिससे पीड़िता ढाई माह की गर्भवती हो गयी थी। पीड़िता की मां को तब चला जब घटना के कुछ समय पश्चात् पीडिता के पेट में दर्द होने लगा और वह पीड़िता की जांच के लिये डॉक्टर के पास गई। जिसके बाद उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र पीड़िता की उम्र का हवाला देते हुऐ गर्भ समापन का अनुरोध किया। जिस पर कानूनी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर जिला चिकित्सालय में पीड़िता का गर्भपात करवाया गया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाहों को प्रस्तुत कर पीड़िता का पक्ष स्पष्ट किया गया। दोनों पक्ष़्ाों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त को दोषी पाते हुए जिला एवं विशेष सत्र न्यायधीश की अदालत ने आरोपी को कारावास व अर्थदंड की सजा सुना दी है। न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) मोहन पंत की ओर से मामले की पैरवी की गयी।