चमोली : दशोली ब्लॉक के बंड क्षेत्र के 36 गांव के पशुपालक क्षेत्र में पशु चिकित्सालय न होने से खासी दिक्कतें झेल रहे हैं। ग्रामीणों की ओर से बीते 16 वर्षों से विभागीय अधिकारियों से लेकर शासन तक गुहार लगाई जा चुकी है। बताते चलें कि मामले में बदरीनाथ विधायक की ओर से विधानसभा में उठाये गये प्रश्न के जवाब में वर्ष 2019 में पशु पालन मंत्री की ओर से यहां पशु चिकित्सालय खोलने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन वर्तमान तक स्थिति स की तस बनी हुई हैं।
बता दें कि बंड क्षेत्र के ग्रामीणांं की आजीविका कृषि और पशुपालन पर आधारित है। यहां ग्रामीण गाय, भैंस, बकरी और खच्चर पालन करते है। लेकिन क्षेत्र में पशु चिकित्सालय न होने से ग्रामीणों को मवेशियों के बीमार होने पर 25 से 30 किमी दूर जोशीमठ या चमोली चिकित्साल की दौड़ लगानी पड़ती है। ऐसे में मवेशियों को चिकित्सालय पहुंचाने में ग्रामीणों को खासा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी अतुल शाह, देवेन्द्र नेगी, संजय राणा और दिनेश भाटिया का कहना है कि क्षेत्र में पशु चिकित्सालय की स्थापना के लिये वर्ष 2017 में शासन की ओर से विभागीय प्रस्ताव मांगा गया था। लेकिन विभागीय प्रक्रिया में प्रस्ताव के उलझ जाने से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। जिसके मार्च 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के लिखित प्रश्न के जबाब में पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने बंड क्षेत्र में पशु चिकित्सालय खोलने के लिए आवश्यक कार्यवाही की बात कही थी। लेकिन विधानसभा में मंत्री की ओर दिये आश्वासन के बाद वर्तमान तक प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित पड़ा हुआ है। ऐसे में पशुपालन बूते पशुपालकों की आजीविका के सुधार के सरकारी दावों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।