तो क्या नियमों की अनदेखी कर त्रिशूल अभियान पर निकला था पर्वतारोही दल?

गोपेश्वर: त्रिशूल पर्वतारोहण के लिये दल को बदरीनाथ वन प्रभाग व जिला प्रशासन को सूचना देनी थी। लेकिन दल की ओर से जिले के अधिकारियों को सूचना दिये बिना अभियान शुरु किया गया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम के साथ ही गौचर में हेलीकॉप्टर को अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन को दल में शामिल लोगों की अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। बदरीनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक कार्यालय से चार लोगों को माउंट त्रिशूल के पर्वतारोहण की अनुमति दी गई थी। जिसमें नौ सेना के कमांडर कार्तिकेयन सुंदरम, उनकी 13 वर्षीय बेटी काम्या कार्तिकेयन, निहार संदीप शौले और आदित्य गुप्ता शामिल थे। अनुमति पत्र में वन विभाग चमोली के डीएफओ कार्यालय से अनुमति लेने के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन दल के वन विभाग से संपर्क न करने के चलते विभाग को पर्वतारोही दल के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।


सुतोल के दो लोग भी दल में शामिल
गोपेश्वर। चमोली के घाट ब्लॉक के सुतोल गांव के दो युवा दिनेश और ताजवर भी दल में शामिल थे। घटना की सूचना जब सुतोल गांव में पहुंची तो गांव में खलबली मच गई। सुतोल गांव में ईको पर्यटन समिति के अध्यक्ष कमल सिंह ने बताया कि दल में 20 जवान, 20 पोर्टर और चार शेरपा (क्लाइविंग विशेषज्ञ) शामिल थे। पोर्टर और शेरपा 18 सितंबर को सुतोल गांव से त्रिशूल के लिए रवाना हुए थे, जबकि नौ सेना का दल कमांडर कार्तिकेयन सुंदरम के नेतृत्व में 23 को रवाना हुआ था।

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