हरिद्वार। विकास भवन सभागार, रोशनाबाद, हरिद्वार में आकांक्षा कोण्डे, मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार द्वारा ग्राम्य विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक आहूत की गयी जिसमें मनरेगा, मेरा गांव मेरी सड़क, सी०एम० हैल्पलाईन, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, REAP, एन०आर०एल०एम०, जल शक्ति अभियान (सी०टी०आर०) आदि योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गयी।
सर्वप्रथम मनरेगा योजना की समीक्षा की गयी, बैठक में खण्ड विकास अधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों को मनरेगा से केन्द्राभिसरण करते हुए कार्यों के क्रियान्वयन के निर्देश जारी किये गये एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्य योजना की आगामी बैठक में तैयारी करके आये एवं निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष समय से लक्ष्यों को पूर्ण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश निर्गत किये गये कि विकास खण्ड स्तर पर क्रियान्वित किये जा रहे कार्यों का शत-प्रतिशत स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित किया जाये। निदेशक, आर-सेटी को मनरेगा श्रमिकों की आजीविका में वृद्धि हेतु प्रोजेक्ट उन्नति के तहत प्रशिक्षण प्रदान करवाने हेतु निर्देशित किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत आवासों को समय से पूर्ण करने एवं एन०आर०एल०एम० के अन्र्तगत लखपति दीदी की आय को दुगना करने, लघु उघोग को बढ़ाने के लिए सी०एल०एल० स्तर से कार्यवाही करने, वी०पी०आर०पी० की प्रगति 80 प्रतिशत प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक के दौरान, जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना ने परियोजना के तहत संचालित सभी गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, गैर-कृषि आजीविका संवर्धन, स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उद्यमिता विकास, और ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों के उपयोग से चल रही गतिविधियों की प्रगति के बारे में बताया।
सीडीओ महोदया ने ग्रामोत्थान परियोजना के तहत बनाए गए स्वरोजगार मॉडलों, गैर-कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के विस्तार, और महिला समूहों की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए। उन्होंने लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण करने और सभी पैरामीटर पर गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने की बात कही।
समीक्षा बैठक में श्री वेद प्रकाश, जिला विकास अधिकारी/परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, श्री अतुल प्रताप सिंह, जिला पंचायतराज अधिकारी, सुश्री नलिनीत घिल्डियाल, निदेशक, आर-सेटी एवं रेखीय विभागों के अधिकारी (मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, मत्स्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी, कैप्स संगन्ध पौध केन्द्र, रेशम विभाग) तथा विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी, सहायक खण्ड विकास अधिकारी, उप कार्यक्रम अधिकारी एवं ब्लॉक मिशन प्रबन्धकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।