चमोली : जिले जोशीमठ ब्लॉक की दुर्गम उर्गम घाटी के जनप्रतिनिधियों ने बुधवार को डीएम हिमांशु खुराना से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्याएं सुनाई। साथ ही उन्होंने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर समस्याआेंं के निराकरण की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र जन समस्याओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो वे ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन शुरु करने को बाध्य होंगे।
प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष अनूप नेगी और ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार ने कहा कि उर्गम घाटी में पीएमजीएसवाई के तहत हेंलग-उर्गम मोटर मार्ग की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है। इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन से पत्राचार के बाद भी सड़क की स्थिति में कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। पीएमजीएसवाई के तहत भेंटा-भरकी-गिरा-बांसा सड़क की वन मंत्रालय ने 2019 में सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी। जिस पर निर्माण कार्य शुरू हो गया था लेकिन वन विभाग ने उस पर कार्य रोक दिया है। ल्यारी से कल्पेश्वर तक 4.15 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य तीन वर्ष पूर्व पूरा हो गया है लेकिन जिन काश्तकारों की भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की गई थी उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है। इसके अलावा घाटी में देवीय आपदा में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन, पैदल मर्ग, कल्पेश्वरधाम की सुरक्षा दीवार, क्षतिग्रस्त धर्मशाला सुधारीकरण, विद्यालय की सुरक्षा दीवार निर्माण के साथ ही तल्ला बडगिडा में 44 परिवारों को पुनर्वास की कार्रवाई करने की मांग की कई है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो घाटी की जनता आंदोलन के लिए विवश होगी। इस मौके पर प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार, प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप नेगी, देवग्राम के प्रधान देवेन्द्र रावत, प्रकाश नेगी, प्रधान मंजू देवी, सुभाष रावत जनदेव के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी आदि मौजूद थे।