- निर्माण कम्पनी में ऑफिस ब्वॉय रहा युवक था चोरी का मास्टर माइंड
- चोरी के लिये रिश्तेदार का भी लिया सहयोग
देहरादून: एसओजी देहात व ऋषिकेश पुलिस को चोरी के मामलेे में बड़ी सफलता मिली है। यँहा पुुुलिस ने 72 घंटे में 22 लाख की चोरी के मामलेे का खुलासा करतेे हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार अभियुक्त दिनेश रावत पुत्र सत्यपाल सिंह निवासी ग्राम हटनाली बनगांव, पोओ बनगांव, पट्टी दसगी, तहसील चिन्यालीसौड़ जिला उत्तरकाशी ने बताया कि वो जनवरी से अगस्त 2021 तक इस कन्सट्रक्शन कम्पनी में आफिस ब्वाय का काम किया। इस दौरान मैं बैंक में रूपये जमा करना, निकला, इधर-उधर से पेमेन्ट एकत्रित कर एकाउन्टेन्ट के पास जमा कराता था। जिस कारण उसे आफिस में रूपयोंं को रखने की जगह व कितने रूपये प्रतिदिन आते जाते हैं, इसकी पूरी जानकारी थी। वर्तमान मे दिनेेेेश कम्पनी के ऑफिस के सामने चाउमीन व मोमो की ठेली लगा रहा था। जिससे गुजर बसर न होने के चलते उसने आफिस में चोरी की योजना बनायी और योजना में अपने रिश्ते के साले पंकज पुत्र शरद सिंह पंवार निवासी ग्राम इन्द्रा टिपरी, पोओ टिपरी, पट्टी बिष्ट, थाना धरांसू, तहसील चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी जो हरिद्वार में एक रेस्टोरेन्ट में काम करता था, को शामिल किया। योजना के मुताबिक दिनांक 23 नवम्बर की शाम को पंकज श्यामपुर पंहुचा।जिसे दिनेश ने आने-जाने का रास्ता व ऑफिस दिखाया। इसके बाद हम दोनो अपने साथ एक गर्म चद्दर, रस्सी व हथोड़ी सामान लेकर कॉम्पलेक्स के रास्ते छत पर पंहचे, वहां से सीढ़ीयों के रास्ते नीचे उतरे। हमने मेन दरवाजे पर लगे सीसीटीवी कैमरे को पोछे से ढक दिया व छत पर जाकर ग्रिल से रस्से को बांध दिया व नीचे की तरफ लटका दिया तथा उसी के सहारे पहले मैं खिड़की तरफ लटका व खिड़की की बीडिगं निकालकर कांच को धीरे से निकालने लगा जो मेरे हाथ से फिसल गया व नीचे गिरकर चूर चूर हो गया जिससे तेज आवाज भी हुई। जिसके डर के हम दोनो वहां से छत पर जाकर एक कोने में छिप गये व काफी समय बाद पुनः हम वंही आये तो हमें कोई जागता हुआ नही दिखाई दिया जिस पर मैं पुनः रस्सी के सहारे नीचे उतर व कम्बल ओड़कर एकाउन्टेन्ट के केबिन में घुस गए। जहां पर हमने एकाउन्टेन्ट के केबिन का कांच का दरवाजा हथोड़े से तोड़कर दराज में रखी 500 व 2000 रूपये के नोटो की गड्डियां निकालकर वंही रखे एक काले रंग के बैग में भर ली, साथ ही बगल वाले केबिन का कांच का दरवाजा तोड़ा तथा वहां पर भी दराज में रखे लगभग पचास हजार रूपये बैग में भरकर वंहा से उसी रास्ते वापस आ गये। कॉम्पलेक्स से नीचे आकर हम लोग रेलवे पटरी से होकर अपने कमरे की पीछे की तरफ आये व वंही रूपयों से भरा बैग व रस्सा, कम्बल व हथोडे को छिपा दिया। बैग में से 8-10 हजार रूपयों को हमने अपने खर्चे के लिये निकाला व आपस में बांट दिया तथा शेष रूपयो को हमने उसी बैग में रखकर अपने कमरे में छिपा दिया था। इसके बाद पंकज हरिद्वार चला गया व मैं अपने कमरे में ही रूक गया। चोरी की सूचना मिलने के बाद पुलिस आस पास घूम रही थी। जिससे मैं डर गया व दिनांक 26 नवम्बर को दिनेश अपने परिवार को लेकर अपने गांव आ गया व दूसरे दिन पंकज भी गांव आ गया। जब दोनोंं चोरी के रूपयो को लेने वापस आये, जिस पर पैंसों का बंटवारा करते हुए पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।