चमोली : थराली निवासी पीताम्बर चंदोला ने नौ दिनों में अलग-अलग घाटियों में स्थित तीन हिमालय की चोटियों को फतह कर नया कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। नौ दिनों में तीन चोटियों को फतह करने को पर्वतारोहण से जुड़े लोग कीर्तिमान बता रहे हैं। जबकि इससे पूर्व कुमांऊ रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज 5 दिनों में एक ही घाटी की 17 श्रृखंलाओं को पारकर चुके हैं।
बता दें चमोली के थराली निवासी पीताम्बर चंदोला ने वर्ष 2010-11 में नेहरु पर्वतारोहरण संस्थान में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया था। जिसके पहली बार उन्होंने पर्यटकों के ग्रुप के साथ वर्ष 2013 में भागीरथी 2 को फतह किया। जिसके बाद से वे लगातार त्रिशूल, सतोपंथ, गंगोत्री 1, नन्दाघुंटी, बन्दरपुंछ, भागीरथी 2, कालानाग जैसी हिमालय की चोटियों को फतह कर चुके हैं। वर्ष 2017 में भी चन्दोला ने भागीरथी 2 पर्वत को बेसकैंप से 18 घंटे में फतह कर चुके हैं। इस बार उन्होंने 4 अक्तूबर से 12 अक्तूबर के मध्य उत्तरकाशी के डोकरणी बामक ग्लेश्यिर क्षेत्र में स्थित द्रोपदी डांड 1 और 2 के साथ ही ओडेंस कॉल घाटी में माउंट रुद्रगैरा को सफलता से फतह कर लिया है। जानकारी के अनुसार द्रोपदी डांडा 1 को 19 वर्ष पूर्व निम की टीम ने फतह किया गया था। पीताम्बर चंदोला ने बताया कि 3 अक्तूबर को निम के एडवांस कोर्स की टीम के साथ द्रोपदी डांडा के बेस कैंप पहुंचे। जहां से 4 अक्तूबर को टीम ने द्रोपदी डांडा 2 व 5 अक्टूबर 2021 को द्रोपदी डांडा 1 को फतह किया। जहां से लौटकर 10 अक्तूबर को गंगोत्री 11 अक्तूबर को नालाकैर और 12 को समिट कैंप 13 अक्तूबर को मांउट रुद्रगैरा को फतह कर उत्तरकाशी लौट आये। उन्होंने बताया कि नौ दिनों में तीन चोटियों को फतह करने का यह अभियान उन्होंने पर्वतारोहरण के एल्पाइन स्टाइल से पूर्ण किया है।
क्या है एल्पाइन स्टाइल पर्वतारोहरण—
किसी भी पर्वतारोहण अभियान से पहले पर्वतारोहियों के चोटी के बेस कैम्प में समय बिता कर शरीर को जलवायु के अनुरुप ढाला जाता है। जिसके बाद पर्वतारोही पर्वतरोहण करते हैं। लेकिन पर्वतारोहण के एल्पाइन स्टाइल में पर्वतारोही कम समय और कम संसाधनों में बिना शेरपा के ही पर्वतारोहण करते हैं।