आज जिला कार्यालय, विकास भवन, हरिद्वार से जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम), ग्रामोत्थान परियोजना के नेतृत्व में मशरूम उत्पादन को लेकर एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में बहादराबाद, नारसन, और भगवानपुर विकासखंड के समस्त ब्लॉक स्तर के कर्मचारी, क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) स्टाफ, और मशरूम उत्पादन से जुड़े लाभार्थी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था:
1. मशरूम उत्पादन बैग की उपलब्धता: लाभार्थियों को मशरूम उत्पादन के लिए उपलब्ध कराए गए बैग्स की स्थिति की समीक्षा।
2. उत्पादन की प्रगति: प्रत्येक लाभार्थी द्वारा उत्पादित मशरूम की मात्रा और उसकी बिक्री का आकलन।
3. अभी तक उत्पादन न शुरू करने वाले लाभार्थियों की पहचान: ऐसे लाभार्थी जिन्होंने मशरूम उत्पादन का कार्य अब तक शुरू नहीं किया है, उनकी समस्याओं को समझना और उन्हें शीघ्र उत्पादन शुरू करने हेतु निर्देशित करना।
बैठक की प्रमुख बिंदु
बैठक के दौरान डीपीएम द्वारा सभी ब्लॉक और सीएलएफ स्टाफ को निर्देश दिए गए कि मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया को गति दी जाए और नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।
1. उत्पादन में आ रही चुनौतियाँ: कुछ लाभार्थियों ने बैठक में बताया कि मशरूम बैग की क्वालिटी में समस्या आई थी या उन्हें तकनीकी जानकारी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर डीपीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द बैग्स से संबंधित समस्या का हल सुनिश्चित की जाए।
2. लाभार्थियों की जिम्मेदारी: जिन लाभार्थियों ने अब तक उत्पादन का कार्य शुरू नहीं किया है, उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि शीघ्र उत्पादन शुरू किया जाए। इसके लिए उन्हें ब्लॉक स्तर पर हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
3. मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग: सभी सीएलएफ स्टाफ को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक लाभार्थी की प्रगति की रिपोर्ट नियमित रूप से जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं। उत्पादन की संख्या, गुणवत्ता, और बिक्री की जानकारी को एकत्रित कर रिकॉर्ड बनाए जाने का भी निर्देश दिया गया।
4. बिक्री और बाजार से जुड़ाव: उत्पादन शुरू करने वाले लाभार्थियों को बाजार में अपनी उत्पादित मशरूम की बिक्री में मदद के लिए नए बाजार चैनल उपलब्ध कराने और उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई।
भविष्य की योजना:-
डीपीएम ने कहा कि मशरूम उत्पादन को ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार और अतिरिक्त आय का एक प्रभावी साधन बनाया जा सकता है। सभी ब्लॉक और सीएलएफ के माध्यम से लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण, उत्पादन में सहायता, और बाजार तक पहुँच के लिए उचित प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अगले कुछ सप्ताह में सभी लाभार्थी मशरूम उत्पादन शुरू कर दें और इसकी प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाए।
बैठक के अंत में सभी उपस्थित कर्मचारियों और लाभार्थियों को आश्वस्त किया गया कि मशरूम उत्पादन को सफल बनाने के लिए जिला स्तर से हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराई जाएगी। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में आय वृद्धि और रोजगार के अवसरों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।