ग्रामोत्थान परियोजना के लक्ष्यों की समीक्षा एवं पूर्ति हेतु डीपीएम द्वारा ऑनलाइन बैठक आयोजित

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) महोदया के निर्देशन में आज दिनांक 01-02-25 को जिला परियोजना कार्यालय, विकास भवन से ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम), ग्रामोत्थान परियोजना द्वारा की गई। इस बैठक में जिला कार्यालय के समस्त अधिकारी-कर्मचारी, जिले के छह विकासखंडों में कार्यरत ग्रामोत्थान परियोजना के ब्लॉक स्तरीय स्टाफ, एवं सभी संकुल स्तरीय संघ (CLF) के स्टाफ द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

बैठक का मुख्य उद्देश्य :-

बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामोत्थान परियोजना के तहत निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति की समीक्षा करना और कार्य प्रगति का विश्लेषण करना था। डीपीएम ने सभी विकासखंडों के वार्षिक लक्ष्यों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी लक्षित कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं। उन्होंने सभी विकासखंड स्तरीय स्टाफ को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्यों को 05 फरवरी 2025 तक पूर्ण करें और इसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को ससमय प्रेषित करें।

लक्ष्यों की पूर्ति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं:-

बैठक के दौरान डीपीएम ने स्पष्ट किया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत विभिन्न गतिविधियों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेता है और लक्ष्यों की पूर्ति में लापरवाही बरतता है, तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

डीपीएम ने यह भी निर्देशित किया कि जिन कर्मचारियों का कार्य संतोषजनक नहीं पाया जाएगा, उनके खिलाफ कार्यमुक्त करने की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पित व प्रतिबद्ध कर्मियों की आवश्यकता है। इसलिए, निष्क्रिय एवं गैर-जिम्मेदार कर्मचारियों के प्रति किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी।

विकासखंडवार समीक्षा और आवश्यक निर्देश:-

बैठक में विकासखंडवार समीक्षा की गई, जिसमें प्रत्येक विकासखंड के कर्मचारियों से उनके प्रगति कार्यों की जानकारी ली गई। डीपीएम ने स्पष्ट किया कि जिन विकासखंडों में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति संतोषजनक नहीं है, वहां कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी ब्लॉक स्तरीय कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर फील्ड विजिट करें और लाभार्थियों से संपर्क कर परियोजना के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे अपनी रिपोर्टिंग प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाएं ताकि कार्यों की प्रगति का सटीक मूल्यांकन किया जा सके।

समयबद्ध कार्यान्वयन पर विशेष जोर:-

डीपीएम ने कहा कि परियोजना के तहत किए जा रहे सभी कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों को आगाह किया कि 05 फरवरी 2025 की समय सीमा के भीतर सभी लंबित कार्यों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि परियोजना के कार्यों में किसी भी प्रकार की सुस्ती या गैर-जिम्मेदाराना रवैया भविष्य में स्वीकार्य नहीं होगा।

इस ऑनलाइन बैठक में जिला परियोजना प्रबंधन टीम द्वारा ग्रामोत्थान परियोजना के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। डीपीएम ने सभी संबंधित स्टाफ को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और परियोजना को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दें। बैठक में उपस्थित सभी कर्मचारियों को आश्वस्त किया गया कि परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

बैठक के अंत में डीपीएम ने सभी कर्मचारियों को यह संदेश दिया कि ग्रामोत्थान परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है, और इसे सफल बनाने के लिए पूरी टीम को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना से जुड़े सभी कर्मचारी अपने कार्य के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी बरतें, ताकि हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।

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