IFAD मिशन द्वारा हरिद्वार जिले में ग्रामोत्थान परियोजना के गतिविधियों एवं डेटा रिपोर्टिंग सिस्टम का निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन किया

IFAD (International Fund for Agricultural Development) मिशन द्वारा हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फील्ड भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही परियोजना गतिविधियों, उद्यमों (एंटरप्राइजेज) के परिणाम, आउटपुट और उनके प्रभाव का गहन अध्ययन करना था। भ्रमण के दौरान, IFAD टीम ने विशेष रूप से परियोजनाओं के तहत डेटा रिपोर्टिंग सिस्टम के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि यह समझा जा सके कि किस प्रकार वास्तविक समय में डेटा को कैप्चर किया जा रहा है और उसके वैलिडेशन के लिए कौन से मानदंड अपनाए जा रहे हैं।

इस दौरे में 7 सीएलएफ (Cluster Level Federations) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BOD) के सदस्यों, फील्ड स्टाफ, ब्लॉक और जिला स्तर के कर्मचारियों ने भाग लिया। साथ ही, NRLM (National Rural Livelihood Mission) के जिला और फील्ड स्तर के अधिकारी भी इस चर्चा में शामिल हुए, जिससे डेटा और नॉलेज मैनेजमेंट प्रणाली को और अधिक बेहतर बनाने पर विचार-विमर्श हुआ।

ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र में, IFAD टीम ने विभिन्न स्तरों पर डेटा रिपोर्टिंग और नॉलेज मैनेजमेंट से जुड़े सिस्टम को गहराई से समझने का प्रयास किया। इस प्रक्रिया के दौरान, टीम ने उन चुनौतियों का विश्लेषण किया जिनका सामना परियोजना स्टाफ और अन्य हितधारक कर रहे हैं। रिपोर्टिंग सिस्टम में डेटा संग्रहण, उसका विश्लेषण और सटीक रिपोर्टिंग एक महत्वपूर्ण पहलू था। इस संदर्भ में टीम ने सुझाव दिया कि एक नई डेटा रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जो वास्तविक समय में डेटा कैप्चर करने में सक्षम हो और जिसकी वैलिडिटी को बनाए रखने के लिए आवश्यक स्रोत भी इसमें जोड़े जाएं। इस नई प्रणाली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी स्तरों पर जानकारी समय पर उपलब्ध हो और उसकी सटीकता के साथ प्रामाणिकता भी बनी रहे, ताकि परियोजना के परिणामों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन प्रभावी तरीके से किया जा सके।

इसके अतिरिक्त, IFAD टीम ने नारसन ब्लॉक का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न नॉन-फार्म उद्यमों और कृषि संबंधित गतिविधियों का निरीक्षण किया। इनमें मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, डेयरी, सिलाई, और बकरी पालन जैसे उद्यम शामिल थे। टीम ने इन उद्यमों के आउटपुट, उनके परिणाम और इनसे हो रहे सामाजिक एवं आर्थिक प्रभावों की जानकारी प्राप्त की।

ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत ये उद्यम ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और छोटे किसानों के लिए आय और रोजगार के प्रमुख स्रोत बन गए हैं। इन गतिविधियों ने इन लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद की है और इससे उनकी आजीविका में स्थिरता आई है। टीम ने इन उद्यमों द्वारा पैदा किए जा रहे आर्थिक और सामाजिक प्रभावों की सराहना की और यह निष्कर्ष निकाला कि ये गतिविधियाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

IFAD टीम ने यह भी देखा कि ग्रामोत्थान परियोजना (REAP) के अंतर्गत पिछले एक वर्ष में किए गए कार्यों का परिणाम बहुत सकारात्मक रहा है। इन गतिविधियों ने ग्रामीण समुदायों में स्थायी आजीविका के अवसर पैदा किए हैं और छोटे उद्यमों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन गतिविधियों ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि महिलाओं और वंचित वर्गों को भी सशक्त बनाया है। टीम ने परियोजना के सफल परिणामों की सराहना की और सुझाव दिया कि इस सफलता को और बढ़ावा देने के लिए कुछ सुधार किए जाएं।

भ्रमण के दौरान 7 सीएलएफ के 21 बीओडी मेंबर्स, 20 सीएलएफ स्टाफ, ग्रामोत्थान (REAP) के विकासखंड और जिला स्तर के कर्मचारी, जिला परियोजना प्रबंधक, सहायक परियोजना निदेशक NRLM, परियोजना निदेशक डीआरडीए, DTE NRLM, और मशरूम उद्यमों से जुड़े अन्य हितधारक उपस्थित थे।

IFAD टीम के इस भ्रमण और अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि एक मजबूत और सटीक डेटा रिपोर्टिंग प्रणाली परियोजना की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। IFAD द्वारा प्रस्तावित इस नई प्रणाली से परियोजना के विभिन्न चरणों में डेटा का सटीक और समय पर संग्रहण संभव हो सकेगा, जिससे भविष्य में परियोजना के कार्यान्वयन, मॉनिटरिंग, और सुधार में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, इस प्रणाली के तहत वास्तविक समय में डेटा कैप्चर और वैलिडेशन का ध्यान रखा जाएगा, जिससे परियोजना की प्रगति की सही तस्वीर समय पर सामने आएगी।

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