एचआरडीआई के दैनिक वेतनभोगी मजदूरों ने अधिकारियों पर लगाया मनमानी का आरोप

गोपेश्वर : जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान (एचआरडीआई) के दैनिक वेतनभोगी मजदूरों ने संस्थान के अधिकारियों पर मनमाने तरीके से कार्यवधि बढाने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने मामले में जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को पत्र सौंपकर मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है।
पूर्व प्रमुख भगत सिंह बिष्ट व रविंद्र नेगी का कहना है कि बड़ी संख्या में संस्थान की ओर नर्सरी व अन्य कार्यों के लिये वर्ष 2002 में 22 स्थानीय ग्रामीणों को दैनिक वेतन पर तैनाती दी गई थी। संस्थान की ओर से मजदूरों को तैनाती देने के समय कार्यवधी सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक निर्धारित की गई थी। लेकिन 27 सितम्बर को संस्थान के निदेशक की ओर से कार्यवाधि को सुबह 8 बजे से सायं 5 बजे कर दिया गया है। जबकि मजदूरों को अवकाश के दिन का कोई मानदेय भी नहीं दिया जाता है। ऐसे में कार्यवधि बढा देने से मजदूरों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों ने जिला प्रशासन से मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है। इस मौके पर प्रकाश नेगी, भोला प्रसाद, बसंती देवी, गोदम्बरी आदि मौजूद थे।

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