चमोली : जिला कारागार पुरसाडी में सोमवार को समळौंण आन्दोलन के तहत विभिन्न प्रजाति के फलदार पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका नंदा गौड ने बताया कि पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक पौध लगाये जायं ताकि वातावरण शुद्ध रहने के साथ ही पर्यावरण को भी बचाया जा सके। इसी के तहत पुरसाडी जिला कारागार के परिसर में आंवला, जामुन और संतरा पौधों का रोपण समळौंण कार्यक्रम के तहत किया गया। जिसमें कारागार के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा समळौंण पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक अनोखी पहल है, जो एक पहाड़ी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ याद से है, जिसमें हर संस्कारों के उपलक्ष में समळौंण पौधारोपण का कार्य किया जाता है। प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडे ने कहा यह एक अनोखी पहल है। मानव पर्यावरण के प्रति सजग रहेगा तो प्राकृतिक संतुलन नहीं बिगड़ेगा, इसलिए हमें धरती को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधों का रोपण करना चाहिए। कार्यक्रम में बंदी रक्षक दीपक सती, राजेश डिमरी, प्रशांत पंत, सुनील रावत, सुभाष बिष्ट, विनोद, तेजपाल, प्रेमानंद जोशी आदि मौजूद थे।