चमोली : शीतकाल के लिये बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बाद रविवार को भगवान उद्धव व कुबेर जी अपने शीतकालीन गद्दी स्थल पांडुकेश्वर में विराजमान हो गये हैं। यहां आगामी यात्राकाल तक भगवान उद्धव जी योगध्यान बदरी मंदिर तथा कुबेर जी अपने मंदिर में विराजमान हुए। वहीं सोमवार को शंकराचार्य गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी।
सोमवार को पूजा-अर्चना के बाद भगवान उद्धव, कुबेर और शकराचार्य गद्दी बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी व धर्माधिकारी भुवन उनियाल के साथ पांडुकेश्वर पहुंची। यहां स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही तीर्थयात्रियों उद्धव जी और कुबेर जी के साथ शंकराचार्य गद्दी पर पुष्पवर्षा और माला अर्पित कर भव्य स्वागत किया। पांडुकेश्वर में पूजा-अर्चना के बाद कुबेर जी की मूर्ति को कुबेर मंदिर तथा उद्धव जी की मूर्ति को विधि विधान से योगध्यान बदरी मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया गया। अब आगामी छह माह तक भगवान कुबेर और उद्धव जी की शीतकाली पूजाएं पांडुकेश्वर में संपन्न कराई जाएंगी। रविवार को पांडुकेश्वर में रात्रि प्रवास के बाद सोमवार सुबह पूजा-अर्चना कर शंकराचार्य गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। जहां शीतकाल में शंकराचार्य गद्दी की पूजा अर्चना की जाती हैं। इस मौके पर पांडुकेश्वर की स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।