गोपेश्वर : जिला प्रशासन की ओर से वीरवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदरों को उनके न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों का समय से निस्तारण करने के निर्देश दिये हैं।
जिला सभागार में आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर छह माह से अधिक समय से लंबित वादों को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिये। साथ ही जिन मामलों में पक्ष और विपक्ष अनुपस्थित रहते हैं, उन में नोटिस जारी कर निस्तारण करने की बात कही। उन्होंने विविध देय और बकायादारों से वसूली में तेजी लाने के भी आदेश दिये। बैठक में वाणिज्य कर, स्टांप तथा निबंधन, आबकारी, परिवहन कर, वन, खनन, भू-राजस्व, रेवन्यू पुलिस, फौजदारी, शमन आदि मामलों के साथ-साथ तहसील स्तर से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की गई। डीएम ने सभी वाहन, मजिस्ट्रेटी जांच, अवैध खनन व शराब तस्करी आदि की निरीक्षण रिपोर्ट अनिवार्य रुप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। अधिकारियों को तहसील दिवस पर मिलने वाली शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण करने के आदेश दिये। उन्होंने तहसील पोखरी व कर्णप्रयाग में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सिमली में एनडीआरएफ कैंपस की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में बताया गया कि रेग्यूलर पुलिस क्षेत्रान्तर्गत इस वर्ष अक्टूबर तक हत्या, डकैती, चोरी, फिरौती, अपहरण इतयादि के 165 अपराध दर्ज हुए है जिसमें से 125 का अनावरण किया गया है। राजस्व क्षेत्र में 48 अपराध दर्ज हुए है। चरित्र सत्यापन के लिए 743 आवदेनों में से 629 का निस्तारण किया गया है। सभी तहसीलों में 416 वादों में से 150 का निस्तारण हो चुका है। फौजादारी के 186 वादों में से 26 का निस्तारित हुए है। मुख्य एवं विविध देयों में 220.52 लाख के सापेक्ष 52 प्रतिशत वसूली की जा चुकी है। खनन से 6.10 करोड़ की आय प्राप्त कर ली गयी है। आबकारी विभाग ने अक्टूबर माह तक 43.24 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है। राष्ट्रीय बचत में 217.39 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हुई है। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव शाह, एसडीएम कुमकुम जोशी, एसडीएम सुधीर कुमार, एसडीएम संतोष कुमार पांडेय, एसडीएम रवीन्द्र ज्वांठा, पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल प्रसाद, एआरटीओ ऑल्विन रॉक्सी, डीजीसी फौजदारी प्रकाश भण्डारी, डीजीसी सिविल मनोज भट्ट, डीजीसी राजस्व रघुवीर बिष्ट, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी धमेन्द्र कुमार सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थे।