- अक्तूबर माह में आई आपदा के दौरान गांव में सक्रीय हुआ भूस्खलन
- भूस्खलन से गांव में दरकने लगे ग्रामीणों के खेत और गौशाला, आवासीय भवन खतरे की जद में
चमोली : जिले की सीमांत नीती घाटी में स्थित सूकी-भलगांव के ग्रामीण अपने दरकते गांव में रह रहे हैं। लेकिन शासन और प्रशासन की सुस्त कार्य प्रणाली के चलते कोई कार्रवाई न होती देख अब ग्रामीण आगामी विधानसभा चुनावों से दूरी बनाते हुए चुनाव बहिष्कार का मन बना रहे हैं। जो आपदा प्रभावितों का सरकार और सिस्टम से उठते भरोसे को प्रदर्शित कर रहा है।
नीती घाटी में अक्तूबर माह की 16, 17 व 18 तारीख को हुई बारिश से यहां गांव में भूस्खनल सक्रीय हो गया था। जिससे यहां ग्रामीणों के खेत और गौशालाएं दरकने लगे हैं। वहीं आवासीय भवन भी खतरे की जद में आ गय हैं। ग्रामीणों की ओर से बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के साथ ही गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत और आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह से भूस्खलन क्षेत्र में सुरक्षा कार्य करने की गुहार लगाई गई लेकिन वर्तमान तक को कार्रवाई शुरु न होने से ग्रामीणों में निराशा है। ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला, सरपंच हरीश भट्ट, हुकम सिंह और विजया देवी का कहना है कि सरकार, शासन और प्रशासन गांव की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बना हुआ है। ऐसे में यदि शीघ्र यहां सुरक्षा कार्य नहीं किया जाता तो गांव के विस्थापन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में वे चुनाव बहिष्कार कर अपनी नाराजगी जताने से अधिक कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
नीती घाटी के सूकी-भलागांव के सर्वेक्षण के लिये भूगर्भवेताओं की टीम को गांव में भेजा जा रहा है। जिनकी रिपोर्ट मिलने के बाद गांव की सुरक्षा के लिये कार्य करवाये जाएंगे।
नंद किशोर जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।