-विराट गीता महोत्सव में कवियों ने किया भक्तिरस से सराबोर
हरिद्वार। अध्यात्म चेतना संघ द्वारा शुभारम्भ प्वाइंट के सभागार में आयोजित हो रहे विराट श्रीमद्भगवद्गीता जयन्ती महोत्सव-2024 के अन्तर्गत श्रीमद्भागवत सप्ताह के पंचम दिवस नन्दोत्सव की धूम रही। इसके पूर्व एक आध्यात्मिक काव्य संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें नगर के आमंत्रित कविगण ने भक्तिरस से भरपूर रचनाएँ प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं। इसके पूर्व विगत दिवस भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर संकीर्तन, नृत्यगान और जयकारों से कथा मंडप गुंजायमान होता रहा।
कविगणों द्वारा हुए दीप प्रज्वलन के बाद कवियित्री कंचन प्रभा गौतम द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना ‘कंठ में मेरे जो भी स्वर है, वो तेरा है गुणगान’ से काव्य संध्या प्रारम्भ हुई। वरिष्ठ कवि अरुण कुमार पाठक के संचालन में हुई इस काव्य संध्या में जोश के कवि अरविन्द दुबे ने ‘दुनिया वालों केकई माँ को मत कहना अपराधी’, अपराजिता ‘उन्मुक्त’ ने ‘सबको शरण देता है शान्ति है दूत भारत’, कंचन प्रभा गौतम ने ‘पूछो पूछो कौन हूँ मैं, मैं वही मुखरित गीता वाणी हूँ’, अरुण कुमार पाठक ने ‘हे अन्नत कोटि ब्रहमाण्डधीश,
तुम युग-युग के आधार हो’ तथा लोकप्रिय गीतकार भूदत्त शर्मा ने ‘मुझको तो पनही ही कर दो, चरण सजूं और संग रहूँ मैं’ सुना कर माहौल को आध्यात्मिक रंग से सराबोर कर दिया।
कथा व्यास तथा संस्था के संस्थापक आचार्य करुणेश मिश्र ने कथा को क्रम देते हुए कुंजी दी कि, “यदि हमारे पितृकर्म, देवकार्य अथवा यज्ञोपासना आदि के प्रारम्भ, अन्त अथवा मध्य में वर्षा हो जाये तो यह मान लेना चाहिये कि देव-पितृ ने हमारी यज्ञोपासना को प्रसन्न होकर स्वीकार कर लिया है।”
भागवत कथा का विस्तार करते हुए आचार्य करुणेश मिश्र ने कहा कि, “माँ गंगा के तट पर वास करने, उनके जल में स्नान करने तथा जल का पान करने से तो मनुष्य का कल्याण होता ही है, यदि हम गंगाजी के पास से निकलते समय उनका दर्शन मात्र कर लें, तो भी वह मनुष्य इसी पुण्यफल का भागी होता है।” कथा के मध्य में आज लगातार नृत्यगान व संकीर्तन की छटा बिखरती रही। बीच-बीच में भक्तजनों ने आपस में खूब जम कर पुष्पवर्षा की और मस्ती में झूमते-गाते हुए, नन्दोत्सव का आनन्द लिया।
कथा के दौरान मुख्य यजमान श्री गणेश शर्मा ‘बिट्टू’ तथा श्रीमती निकिता शर्मा और सभी यजमान परिवारों के साथ-साथ बृजेश शर्मा, महेश चन्द्र काला, भूपेन्द्र कुमार गौड़, अरुण कुमार पाठक, विशाल शर्मा, अर्चना तिवारी, अशोक सरदार, रविन्द्र सिंघल, संगीत गुप्ता, आभा गुप्ता, विकास शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।