नंदप्रयाग घाट सडक डेढ़ लेंन चौडीकरण आंदोलन के आंदोलनकारियों को कोर्ट ने भेजा शमन

चमोली : नंदप्रयाग घाट सडक डेढ़ लेंन चौडीकरण के आंदोलन में शामिल गुड्डू लाल सहित 5 को कोर्ट का शमन,लाठीचार्ज मामले में विवेचना जारी है।

बीते दिनों चमोली जनपद स्थित नंदप्रयाग घाट को जोड़ने वाली सडक़ को डेढ़ लेंन चौडीकरण करवाने की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे 5 आन्दोलनकारियो को जिला न्यायालय के द्वारा समन जारी किया है।वंही 50 से अधिक आन्दोलनकारीयो पर  विधानसभा घेराव के दौरान दिवालिखाल में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज  किये जाने के बाद मामला दर्ज किया गया है,जिसमे कि विवेचना जांरी है। घाट में 5 आंदोलनकारीयो के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट ने पांचों को 20 सितंबर को ज़िला न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है। बता दे कि नंदप्रयाग घाट सडक को डेढ़ लेंन चौडीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र के लोगो द्वारा 10 जनवरी को  19 किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाने के बाद 5 लोगो ने आमरण अनशन शुरू किया गया था।अनशन पर बैठे लोगों का स्वास्थ्य बिगडते देख प्रशासन के द्वारा 14 जनवरी को तड़के 5 बजे धरनास्थल पर भारी मात्रा में पुलिस बल मंगवा कर आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों को जबरन अस्पताल में भर्ती करवाने का प्रयास किया गया। प्रशासन की कार्यवाही का व्यापारियों ,टैक्सी यूनियन और क्षेत्र के लोगो के द्वारा भारी विरोध किया गया,विरोध में बाजार बंद और वाहनो का चक्का जाम भी रहा,प्रशासन की कार्यवाही से बचने के लिए भूखहड़ताल पर  बैठे गुड्डू लाल मोबाईल टावर पर चढ़कर प्रशासन की टीम को धरनास्थल से वापस जाने की मांग करने लगे।जिसके बाद पुलिस के द्वारा आत्मदाह करने के प्रयास ,सडक जाम करना सहित कई अन्य धाराओं में गुड्डू लाल व अन्य पांच लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। दूसरी ओर सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के द्वारा घाट आंदोलन से जुड़े मुकदमों को वापस किये जाने की बात कही गई थी,जिसमें की थराली विधायक मुन्नी शाह के द्वारा भी वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस किए जाने का अनुरोध पत्र दिया गया था,जिसके आधार पर गृह विभाग के द्वारा ज़िलाधिकारी चमोली से मुकदमों के वापसी के सम्बंध में  रिपोर्ट माँगी गई है।आन्दोलन से जुड़े क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक रतूड़ी, और गुड्डू लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद भी मुकदमे वापसी को लेकर सरकारी तंत्र कछुवे गति से कार्य कर रहा है।लाठीचार्ज के बाद दर्ज मुकदमों में कई महिलाएं भी पुलिस के द्वारा नामजद की गई है।कहा कि वह क्षेत्र के लिए जेल जाने के लिए तैयार है,लेकिन भोले भाले ग्रमीणों के ऊपर दर्ज किये मुकदमों को सरकार को वापस लेने पर विचार करना चाहिए।

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