तीन दिवसीय कुम्भ काॅन्क्लेव का समापन सत्र

*✨परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, राष्ट्र को समर्पित जीवन जीने वाले, जनरल सेक्रेटरी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या, श्री चंपतराय जी, माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सलाहकार श्री अवनीश कुमार अवस्थी जी, उत्तरप्रदेश एडवोकेट एडिशनल जनरल श्री अशोक मेहता जी, एमएनएनआईटी के निदेशक श्री वर्मा जी, पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, कुम्भ मेला प्रयागराज, श्री केपी सिंह जी, निदेशक, थिंक इन्डिया काउंसिल श्री सौरभ पांडे जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों की गरिमामय उपस्थिति*

*✨पूर्व उपराष्ट्रपति पद्मविभूषण श्री एम. वेंकैया नायडू जी, माननीय राज्यपाल बिहार, श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर जी और माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से काॅन्क्लेव को किया संबोधित*

*💐हम बाहरी दुनिया की चकाचैंध में खोने के बजाय अपने भीतर की दुनिया को जानने और समझने का प्रयास ही है कुम्भ काॅन्क्लेव*

*💐कुम्भ, केवल भारत की सनातन परम्परा, आध्यात्मिकता और संस्कृति का उत्सव ही नहीं बल्कि यह जीवन का महोत्सव भी*

*🙏🏻स्वामी चिदानन्द सरस्वती*

 

ऋषिकेश, 27 नवम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय कुम्भ काॅन्क्लेव के समापन अवसर पर कहा कि कुम्भ, विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं का संगम है जो हमें यह सिखाता है कि भले ही हमारी भाषा, संस्कृति, और परम्पराएँ अलग-अलग हों परन्तु हम सब एक ही मानवता के अंग हैं।

हर 12 वर्ष में एक बार होने वाला यह महापर्व हमें अपने भीतर की गहराइयों में झांकने और आत्मचिंतन करने का अवसर प्रदान करता है। हमारे भीतर का कुम्भ मेला हर पल, हर क्षण घटित होता है जो हमें आत्मावलोकन, आत्म-संयम और आत्म-शुद्धि का मार्ग दिखाता है। हम चाहे किसी भी धर्म, जाति या संस्कृति के हों, हमारे भीतर का यह मेला हमें अपने आध्यात्मिक मूल्यों और आस्थाओं को पुनः जागृत करने का अवसर प्रदान करता है।

कुम्भ का मेला हमें यह सिखाता है कि बाहरी उत्सव के साथ-साथ आत्मिक उत्सव भी महत्वपूर्ण है। कुम्भ मेले में हम जैसे गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं, वैसे ही अपने भीतर के कुम्भ मेले में हम अपनी आत्मा, मन और शरीर के संगम की शुद्धि करते हैं। यह आत्मिक शुद्धि हमें हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने और आत्मिक संतुलन स्थापित करने में सहायक होती है। इसके माध्यम से हम अपने विचारों, भावनाओं और कर्मों को शुद्ध और पवित्र कर शांति, संतुलन और सच्चे आनंद की अनुभूति कर सकते हैं। जब हम अपने भीतर के कुम्भ मेले को साकार करते हैं, तो हम अपने जीवन को एक नई दिशा और अर्थ प्रदान करते हैं। जब हम अपने भीतर के कुम्भ मेले में शामिल होते हैं, तो हम अपने जीवन के उद्देश्यों और लक्ष्यों को समझ सकते हैं और उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।

हम बाहरी दुनिया की चकाचैंध में खोने के बजाय अपने भीतर की दुनिया को जानने और समझने का प्रयास ही कुम्भ काॅन्क्लेव हैं।

स्वामी जी ने कहा कि कुम्भ, केवल भारत की सनातन परम्परा, आध्यात्मिकता और संस्कृति का उत्सव ही नहीं बल्कि यह जीवन का महोत्सव भी है, जो हमें चिर पुरातन के साथ नूतन को अंगीकार व स्वीकार करने का संदेश देता है। यह महोत्सव सदियों से हमारी धरोहर और हमारी संस्कृति की पहचान बना हुआ है। कुम्भ का मेला भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाता है और इसे एकता, समरसता और आध्यात्मिकता के संगम के रूप में मनाया जाना चाहिये।

श्री चंपत राय जी ने कहा कि कुम्भ के मेले का आयोजन केवल आध्यात्मिक साधना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक मंच भी प्रदान करता है। कुम्भ का मेला भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, यह केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां पर समाज की विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान के लिए विचार-विमर्श किया जाता है। यह हमें समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है और हमें यह सिखाता है कि हम कैसे अपने समाज को बेहतर और बना सकते हैं।

कुम्भ का मेला हमारे जीवन को एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करता है और हमें यह सिखाता है कि हम कैसे अपने जीवन को सार्थक और सफल बना सकते हैं। जीवन में आध्यात्मिकता और भौतिकता के बीच संतुलन कैसे स्थापित कर सकते हैं। वास्तव में कुम्भ का मेला एक जीवन का महोत्सव है जो हमें यह सिखाता है कि जीवन को पूरे समर्पण और उत्साह के साथ कैसे जीना चाहिए।

दोनों विभूतियों ने कुम्भ के पहले कुम्भ काॅन्क्लेव आयोजित करने हेतु श्री सौरभ पांडे जी और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया।

zerogroundnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!