चमोली: इन खेतों में कुछ हो नहीं रहा, और जो हो रहा है बंदर, लंगूर और सूअर बरबाद कर रहे हैं……. ये जुमला राज्य निर्माण के बाद से आमतौर पर सुनाई देने लगा है। लेकिन इस जुमले को चमोली के सरतोली गांव निवासी महेंद्र सिंह बिष्ट ने बागवानी को रोजगार का जरिया बनाकर झुठला दिया […]Read More
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उर्गम (रघुवीर नेगी): चमोली जिला देवालयों और इनकी विशिष्ट पौराणिक परम्पराओं के लिये विश्व विख्यात है। जिसके चलते प्रतिवर्ष यहां देश और विदेश के श्रद्धालु जिले के सूदूरवर्ती क्षेत्रों में मौजूद मंदिरों के दर्शनों के लिये पहुंचते हैं। जिले में ऐसी ही विशिष्ठ परम्पराओं वाला भगवान नारायण का मंदिर है वंशीनाराय मंदिर! इस मंदिर में […]Read More
गोपेश्वर: चमोली जिले में बरसात के शुरु होने के साथ ही फूलों की घाटी हिमालयी फूलों से गुलजार होने लगी है। यहां घाटी में अब ब्रहम कमल के साथ ही ब्लूपाॅपी के साथ बहुत से हिमालयी फूल खिलने लगे हैं। ऐसे में धीरे-धीरे घाटी अब अपने सबाब पर पहुंचने लगी है। घाटी में जुलाई से […]Read More
चमोली: चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री चमोली में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटक स्थलों का दीदार कर सकते हैं। आप अगर समय लेकर जिले में पहुंचते हैं। तो जिले के अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों के दीदार कर सकते हैं। जो मन, मस्तिष्क को सुकून […]Read More
गोपेश्वर : चमोली जिले जहां देवालयों और मंदिरों के लिये देश दुनिया में प्रसिद्ध है। वहीं जिले में पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ देशभर में भगवान शिव की स्वयंभू दक्षिणमुखी एकानन मुखाबिंद के दर्शन होते हैं। जबकि अन्य सभी मंदिरों भगवान के लिंग स्वरुप में ही दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ मंदिर चमोली जिले […]Read More
315 हिमालयी फूलों से गुलजार रहती चेनाप घाटी। चमोली : जिले के जोशीमठ ब्लाॅक में स्थित चेनाप घाटी में स्थित फूलों का अनोखा संसार समेटे चेनाप घाटी आज भी प्रचार-प्रसार न होने के चलते पर्यटकों की नजरों से दूर है। हांलांकि थैंग गांव के युवाओं के प्रयास के बाद कुछ पर्यटक इस घाटी से रुबरु हुए हैं। […]Read More
डॉ योगेश धस्माना की कलम से…. ….उत्तराखंड का पत्रकार जगत भी मदन मोहन बहुगुणा के व्यक्तित्व से अंजान रहा है। पौड़ी नगर के प्रतिष्ठित वकील स्वर्गीय घनानंद बहुगुणा के बड़े पुत्र मदन मोहन का जन्म 1938 में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी में करने के बाद अच्छी शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद चले गए। यहां […]Read More
गोपेश्वर : चैत्र मास की सक्रांति को उत्तराखंड में फुल संग्राद और फूलदेई लोकपर्व के रुप में पौराणिक समय से मनाया जाता रहा है। चैत्र मास मौसम के परिवर्तन के साथ ही प्रकृति के श्रृंगार का मास है। इस दौरान जहां कड़ाके की ठंड से निजात मिल रही होती है। वहीं उत्तराखंड में हल्की गर्मी […]Read More
चमोली : उत्तराखंड की युवा पीढी लोकभाषा से दिनों दिन दूर होती जा रही है। ऐेस में लोकभाषा की समृद्ध औखांण (गढवाली कहावत) जैसी परम्परा भी लुप्त होने लगी है। ऐसे में राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग में इतिहास विभाग के प्रवक्ता डा. वेणीराम अंथवाल की ओर से औंखाण परंपरा को संजोने के लिये किया जा रहा […]Read More
रुद्रप्रयाग : राज्य में पर्यटन के बूते आर्थिक मजबूती देने और स्वरोजगार विकसित करने के दावे किये जा रहे हैं। लेकिन राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में सरकार के इन दावों को मुंह चिढाते सैकड़ों बुग्याल, पर्यटक स्थल और मंदिर सरकार की नजर-ए-इनायत का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे ही रुद्रप्रयाग जिले के टूरिस्ट विलेज त्यूड़ी […]Read More