खराब मौसम और बर्फबारी के बीच एसडीआरएफ के पर्वतारोही दल ने गंगोत्री 1 की चोटी की फतह

देहरादून :  मौसम पर्वतारोहण के अनुकूल न होने के साथ ही ठंडी हवा की रफ्तार और भारी बर्फबारी के बावजूद माउंट गंगोत्री पीक को किया सफलतापूर्वक समिट। इस गौरवान्वित करने वाले पल में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने टीम को शुभकामनाएं दी है। पर्वतारोही दल
में दो महिला जवान भी शामिल थी।
बुधवार को सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर एसडीआरएफ की ग्यारह सदस्यीय टीम को गंगोत्री-I (21889 फिट) पर्वत को सफलतापूर्वक फतह कर लिया है। 9 सितम्बर को  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पर्वतारोही दल को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया था। पर्वतारोहण मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह प्राणपोषक, पुरस्कृत और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। यह आम बात नहीं है, अपितु इसके लिए अदम्य साहस और कुछ कर गुजरने का जुनून अनिवार्य है। इस रोमांचित सफर में दृढ़ता व धैर्य दोनों आवश्यक है। उच्च ऊँचाई पर असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसी कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिससे पार पाने के लिये शारिरिक और मानसिक दृढ़ता जरूरी है।इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए इस 17 सदस्यीय टीम का चयन भी किया गया था।
गंगोत्री-I को समिट करने हेतु टीम को लगातार तीन दिवस तक खराब मौसम व बर्फबारी के कारण समिट कैम्प में ही इंतज़ार करना पड़ा। 29 सितम्बर 2021 को मौसम थोड़ा ठीक होते ही टीम ने समिट हेतु समिट कैम्प से आरोहण शुरू किया व सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री-I को सकुशल फतह कर उत्तराखंड पुलिस का झंडा फहराया।
एसडीआरएफ द्वारा इस अभियान के माध्यम से एक नया कीर्तिमान रचा गया है। यह उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में पहली बार है कि पर्वतारोहण के ऐसे जोखिमभरे अभियान की कमान एक महिला इंस्पेक्टर अनिता गैरोला द्वारा सम्भाली गयी। इसके अतिरिक्त 11 सदस्यीय एसडीआरएफ की जिस पर्वतारोहण टीम ने गंगोत्री-I को समिट किया। उनमे महिला आरक्षी प्रीति मल भी शामिल रही। जिन्होंने किसी भी पीक को समिट करने वाली प्रथम महिला कर्मी होने का गौरव हासिल किया है। उत्तराखण्ड पुलिस का महिला सशक्तीकरण का अनूठा उदाहरण देता
एसडीआरएफ का यह अभियान निश्चित रूप में प्रदेश की सभी नारीशक्ति में साहस एवं नई ऊर्जा का संचार करेगा।

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