सभी निजी चिकित्सालय शासन द्वारा निर्गत चिकित्सा पद्धति के तय मानको के अनुसार सेवा प्रदान करें: मुख्य चिकित्साधिकारी

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आर के सिंह ने जनपद के सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, मेटरनिटी अस्पताल संचालको से क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट रेगुलेशन, बायो मेडिकल वेस्ट मैंनेजमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मे पंजीकरण कराने का आग्रह किया हैं, साथ ही डिलीवरी, सिजेरीयन और शिशुओं के जन्म का पूरा ब्योरा प्रत्येक माह स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराना होगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय मे आयोजित बैठक मे सी एम ओ ने कहा कि सभी निजी चिकित्सालय शासन द्वारा निर्गत चिकित्सा पद्धति के तय मानको के अनुसार सेवा प्रदान करें। उन्होंने कहा प्रसव सुविधा प्रदान करने वाले अस्पताल जन्म, मृत्यु पोर्टल से लिंक कर लें। जिस पर पुरे माह का रिकार्ड अपलोड करना होगा।

उन्होंने कहा अस्पताल, नर्सिंग होम, नेदानिक स्थापन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मे पंजीकरण अवश्य कराएं. उन्होंने कहा आयुष्मान कार्ड धारको के उपचार मे पारदर्शिता बरतें। उन्होंने कहा आयुष्मान योजना के संचालन मे कोई तकनीकी परेशानी होने पर समाधान किया जायेगा। साथ ही अस्पताल संचालको को चेताया कोई भी व्यक्ति आयुष्मान मित्र बनकर आये तो उसे कोई डाटा देने की आवश्यकता नहीं हैं।

सी एम ओ ने कहा पैरा मेडिकल कोर्स करने वाले छात्र छात्राओ को अस्पताल मे काम पर ना रखें। ए एन एम. जी एन एम. नर्सिंग कोर्स पूरा करने के बाद राज्य कॉन्सिल मे पंजीकृत पात्रों को ही काम पर रखे।

अस्पताल मे कार्यरत चिकित्सक, पैरमेडिकल स्टॉफ का ड्यूटी रोस्टर और मरीजों से ली जाने वाली फीस डिस्प्ले जरूर करें। जनपद मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिना दस्तावेज के अवैध तरिके से संचालित हो रहे अस्पतालो के विरुद्ध लगातार कार्यवाही कि जा रही हैं. इसलिए मनको के अनुसार समस्त दस्तावेज अपडेट रखने का आह्वान किया गया हैं।

बैठक मे ए सी एम ओ डॉ अनिल वर्मा, आई एम ए अध्यक्ष डॉ विकास दीक्षित, डॉ तरुण गुप्ता, डॉ जसप्रीत सिंह, डॉ अंजुल श्रीमाली,डॉ विजय वर्मा के अलावा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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