जोशीमठ : बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ नृसिंह मंदिर पहुंच गई है। आगामी यात्राकाल तक शंकराचार्य गद्दी की पूजा-अर्चना नृसिंह मंदिर में की जाएगी। शंकराचार्य गद्दी के जोशीमठ पहुंचने पर यहां स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही तीर्थयात्रियों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।
पौराणिक परम्पराओं मके तहत शीतकाल में जहां उद्धव व कुबेर जी की शीतकालीन पूजाएं पांडुकेश्वर में संपन्न की जाती हैं। वहीं आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी की पूजा नृसिंह मंदिर जोशीमठ में की जाती हैं। इसी परमपरा के तहत सोमवार को पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना के बाद रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी व धर्माधिकारी भुवन उनियाल की अगुवाई में शंकराचार्य गद्दी जोशीमठ नृसिंह मंदिर पहुंची। जहां रावल, धर्माधिकारी एवं वेदपाठियों ने गरुड़, वासुदेव मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, नृसिंह मंदिर, लक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद रावल ने धर्माधिकारी के सानिध्य में शंकराचार्य गद्दी को निर्धारित स्थान पर रखा गया। इस मौके पर इस मौके पर बीडी सिंह, सत्य प्रकाश चमोला, रविंद्र भट्ट, राधाकृष्ण, हितेश सती आदि मौजूद थे।