ऋषियों ने रावण के सैनिकों को दिया कर के रुप में अपना रक्त, सर्वनाश का दिया श्राप

गोपेश्वर : नगर में संयुक्त रामलीला मंच और व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार से रामलीला का मंचन शुरु हो गया है। यहां लीला को पहले दिन व्यापार संघ गोपेश्वर में संस्थापक सदस्य विद्यादत्त तिवारी व सामाजिक कार्यकर्ता मधुली देवी ने दीप प्रज्जवलित कर लीला का शुभारंभ किया।
बुधवार को शुरु हुई लीला के प्रथम दिन रावण, कुंभकरण और विभीषण ने ब्रहमा की तपस्या कर क्रमशः अमरता, छह माह की निंद्रा और प्रभु भक्ति का वरदान पाया। जिसके बाद देव ऋषि नारद ने रावत को शिव समेत कैलाश को लंका लाकर राज्य की शोभा बढाने की सलाह दी। जिस पर रावण कैलाश को लंका लाने का प्रयास करता है। जिससे नाराज शिव उसे श्राप देते हैं। जिस पर रावण शिव तांडव स्तोत्र की रचना कर भगवान शिव के क्रोध को शांत कर क्षमा मांगता है। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव रावण को चंद्रहास खडग प्रदान करते हैं। ब्रह्मदेव और शिव से वरदान पाकर रावण देवताओं से बैर ले लेता है और अपने सैनिकों को ऋषि मुनियों यज्ञ व अनुष्ठान विध्वंस करने और उनसे कर लेने का आदेश देता है। ऐसे में सैनिकों की ओर से कर मांगने पर ऋषि मुनियों कर के रूप में अपना रक्त प्रदान कर रावण के सर्वनाश का श्राप देते हैं। वहीं पूजा, यज्ञ और अनुष्ठान के बंद होने से देवताओं को आहुति न मिलने पर उनकी शक्ति क्षीण होने लगती है और वह ब्रह्मा से इसके निदान का सुझाव लेने पहुंचते हैं जिस पर ब्रह्म देव द्वारा देवताओं को भगवान नारायण से समस्या के निराकरण के लिए बात करने की बात कही जाती है और देवताओं के अनुग्रह पर भगवान नारायण त्रेता युग में राम अवतार लेकर रावण के विनाश का आश्वासन देते हैं। इस मौके पर संयुक्त रामला मंच के अध्यक्ष अनूप पुरोहित अंकोला महामंत्री आयुष चौहान उपाध्यक्ष जगदीश पोखरियाल, अनूप खंडूरी सुनील चौहान, पीयूष बिश्नोई हेम दरमोडा, हेम पुजारी, राकेश मैठानी कमल राणा, जगमोहन आदि मौजूद थे

 

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