चमोली : जिला पंचायत चमोली में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच शुरु हुई रार का जहां जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने खंडन किया है। वहीं भाजपा समर्थित सदस्यों ने मामले में उपाध्यक्ष की ओर से लगाये आरोपों की जांच का समर्थन किया है। जबकि कांग्रेस समर्थित सदस्य अध्यक्ष के समर्थन में खुलकर सामने आ गये हैं।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि जिस नंदादेवी राजजात 2013 में वित्तीय अनियमितता होने की बात की जा रही है। उसकी जांच दो बार हो चुकी है। जिसमें जांच अधिकारी तत्कालीन दो-दो जिलाधिकारियों ने इसमें उन्हें क्लीन चिट दी है। साथ ही भाजपा के वर्तमान विधायक इस मामले में पांच साल तक न्यायलय में भी केस लड चुके हैं वहां से भी उन्हें इस मामले से बरी किया जा चुका है। ऐसे में अब इस मामले को उठाने का मतलब है कि भाजपा के सदस्य और उपाध्यक्ष मिलकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है क्योंकि विधान सभा चुनाव नजदीक है और उनके पति पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में चुनाव मैदान में होंगे ऐसे में भाजपा को अपनी नाव डुबती हुई नजर आ रही है जिससे बौखला कर वे इस तरह का षड़यंत्र रच कर उन्हें परेशान करने का कुचक्र चल रहे है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत को गठित हुए दो साल से अधिक का समय हो गया है। इससे पूर्व कभी भी उन्होंने जिला पंचायत की किसी भी बैठक में कोई आपत्ति दर्ज नहीं की अब ऐन चुनाव के मौके पर ही क्यों उनको जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितता होने की बात याद आ रही है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा की सह पर यह सब किया जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य भी आये अध्यक्ष के पक्ष में
जिला पंचायत के सदस्यों जिसमें लक्ष्मण सिंह बिष्ट, देवी जोशी, अनिल अग्रवाल, सूरज सैलानी, बबीता, मंजू, लक्ष्मी, धनपा देवी, ममता देवी, बबीता त्रिकोटी ने भी पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है और वे अपने को कांग्रेस का सिपाही कह रहे है जो सरासर झूठ है। वे स्वयं जिला पंचायत गठन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी को हराने के लिए भाजपा के आलाकमान से मिलने देहरादून तक जा चुके है। उनका यह भी आरोप है कि उपाध्यक्ष भाजपा के एक विधायक के साथ मिलकर करोड़ों के ठेके कर रहे है। और उनकी सह पर ही जिला पंचायत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे है।
पूर्व काबीना मंत्री ने भी रखा अपना पक्ष
पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी और जिला पंचायत उपाध्यक्ष के मध्य वार्ता का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वे एक कागज पर हस्ताक्षर करवाने के लिए कह रहे है। जिस पर भंडारी का कहना है कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने उनकी धर्मपत्नि रंजनी भंडारी के नाम देहरादून स्थित कोठी पर कब्जा किया हुआ है। जिसका वे विगत दो वर्षों से किराया नहीं दे रहे है। किरायानामा पर दो साल पूर्व हस्ताक्षर करवाने के लिए उनके कहा जा रहा है। जिसका ऑडिया अब वायरल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सह पर यह कार्य हो रहा है। भाजपा के तीन-तीन विधायक जब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपनी पार्टी के सदस्य को काबिज नहीं कर पाये तो अब सरकार दबाव बनाकर जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने का प्रयास कर रही है ताकि राजेंद्र भंडारी को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से उन्हें कई बार भाजपा में शामिल होने का न्यौता दिया जा चुका है जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था अब ऐसे में भाजपा जिला पंचायत के माध्यम से उन्हें डराने का कार्य कर रही है। ताकि जिला पंचातय अध्यक्ष को हटाकर उन्हें परेशान किया जाए लेकिन जनता सब देख रही है। इसका करारा जबाव जनता आने वाले चुनाव में भाजपा को अवश्यक देगी।
भाजपा समर्थित सदस्यों ने किया उपाध्यक्ष की जांच की मांग का समर्थन
चमोली : जिला पंचायत चमोली के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगाये गये वित्तीय अनियमितता और जिला पंचायत के कार्यों में पूर्व काबीना मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति राजेंद्र भंडारी के हस्तक्षेप किये जाने के आरोप के पक्ष में भाजपा सदस्य भी खुलकर आगे आ गये है। उन्होंने भी मामले में जांच की मांग करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाये जाने की मांग शासन से की है।
बता दें कि कुछ दिनों पूर्व जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर नंदादेवी राज जात में वित्तीय अनियमितता करने के आरोप के साथ ही जिला पंचायत के कार्यों में अध्यक्ष के पति पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी के हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। जिस पर मंगलवार को भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों जिसमें नंदिता रावत, अनूप चंद्र, योगेंद्र सेमवाल, विक्रम बत्र्वाल, विनोद नेगी, कृष्णा आदि ने उपाध्यक्ष के आरोपों का समर्थन करते कहा कि शासन ने मामले जो जांच की है उस पर जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत एक चुनी हुई संस्था है और शासन के स्पष्ट निर्देश है किसी भी पंचायत में चुने गये प्रतिनिधियों के परिवार के सदस्य पंचायतों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे ऐसे में पूर्व काबीना मंत्री का जिला पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेत्र किया जान उचित नहीं है। उन्होंने एक सवाल के जबाव में कहा कि यदि जिला पंचायत उपाध्यक्ष सदन के अंदर जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाते है तो वे उनके साथ हैं। उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की कि वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष का भाजपा से कोई संबंध नहीं है और जिला पंचायत के गठन के दौरान उपाध्यक्ष कांग्रेस के साथ थे। और कांग्रेस के सहयोग से ही वे निर्विरोध उपाध्यक्ष बने है।